सक्सेशन (उत्तराधिकार) और प्रॉबेट (Probate) की जानकारी

 1. सक्सेशन (Succession) क्या है?

सक्सेशन का मतलब है किसी व्यक्ति के मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति, अधिकार और दायित्वों का कानूनन उसके वारिसों या उत्तराधिकारियों में हस्तांतरण।

  • वसीयत (Will) के अनुसार: यदि मृतक ने वसीयत बनाई है, तो संपत्ति उसी के अनुसार बांटी जाती है।

  • बिना वसीयत (Intestate Succession): यदि वसीयत नहीं है, तो संपत्ति भारतीय उत्तराधिकार कानून के तहत बांटी जाती है।


2. प्रॉबेट (Probate) क्या है?

प्रॉबेट एक न्यायिक प्रक्रिया है जिसके तहत कोर्ट मृतक की वसीयत की वैधता (Validity) की पुष्टि करता है और वारिसों को संपत्ति का अधिकार देता है।


मुंबई में प्रॉबेट और सक्सेशन की प्रक्रिया:

प्रॉबेट के लिए:

  1. वसीयत की फाइलिंग: वसीयत की एक कॉपी लोकल सिविल कोर्ट में जमा करें।

  2. कोर्ट की सुनवाई: कोर्ट वसीयत की वैधता की जांच करता है।

  3. अधिकार पत्र (Letters of Probate): यदि वसीयत वैध पाई जाती है, तो कोर्ट वारिस को प्रॉबेट (अधिकार पत्र) जारी करता है।

  4. संपत्ति का ट्रांसफर: प्रॉबेट मिलने के बाद संपत्ति का ट्रांसफर कानूनी रूप से संभव होता है।

बिना वसीयत के (Intestate):

  1. उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Succession Certificate) के लिए आवेदन: वारिस सिविल कोर्ट में आवेदन करता है।

  2. कोर्ट की जांच: कोर्ट वारिसों के दावों की जांच करता है।

  3. प्रमाण पत्र जारी करना: कोर्ट उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करता है।

  4. संपत्ति का ट्रांसफर: इस प्रमाण पत्र के आधार पर संपत्ति का कानूनी हस्तांतरण होता है।



दस्तावेज़ जो चाहिए होते हैं:

  • मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र

  • वसीयत (यदि हो तो)

  • वारिसों के पहचान प्रमाण

  • संपत्ति से जुड़े दस्तावेज

  • आवेदन पत्र


महत्वपूर्ण बातें:

  • प्रॉबेट का आवेदन स्थानीय सिविल कोर्ट में किया जाता है।

  • प्रक्रिया में समय लग सकता है, आमतौर पर 6 महीने से 1 साल तक।

  • संपत्ति के प्रकार और वारिसों की संख्या के आधार पर प्रक्रिया अलग हो सकती है।


निष्कर्ष:

मुंबई में सक्सेशन और प्रॉबेट की कानूनी प्रक्रिया संपत्ति के सही और वैध हस्तांतरण के लिए जरूरी है। इसके लिए अनुभवी वकील से सलाह लेना उपयोगी होता है।

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