Maintenance Recovery (मेंटेनेंस वसूली)

Maintenance Recovery क्या होती है?

Maintenance Recovery का मतलब है सोसायटी द्वारा अपने सदस्यों (फ्लैट मालिकों) से मेंटेनेंस शुल्क (monthly maintenance charges) की वसूली। जब कोई सदस्य तय समय पर मेंटेनेंस नहीं देता या लगातार बकाया रखता है, तो सोसायटी उसे कानूनी तरीके से वसूल सकती है।

किस अधिनियम के अंतर्गत मेंटेनेंस वसूली की जाती है?

  • महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव सोसायटी एक्ट, 1960

  • Maharashtra Co-operative Societies Rules, 1961

  • Bye-laws of the society (सोसायटी के नियम)

Maintenance Recovery में क्या-क्या शामिल होता है?

  • सफाई, लिफ्ट, वॉटर पंप, सिक्योरिटी

  • स्टाफ सैलरी, लाईट बिल, रिपेयर व फंड

  • सिंकिंग फंड, लीगल फीस आदि

अगर कोई सदस्य मेंटेनेंस नहीं देता तो?

  1. सोसायटी पहले Reminder भेजती है

  2. उसके बाद Legal Notice भेजा जाता है

  3. फिर Recovery Application Co-operative Court या Registrar Office में किया जाता है

  4. Court आदेश के अनुसार Recovery Officer द्वारा वसूली की प्रक्रिया (जैसे Salary Attachment या Property Attachment)

जरूरी दस्तावेज़:

  • बकाया मेंटेनेंस की डिटेल्स

  • सोसायटी की रजिस्ट्रेशन कॉपी

  • बायलॉज कॉपी

  • AGM/GBM Resolution

  • रसीदें, Reminder Notice, Ledger Copy

DRS Group कैसे मदद करता है?

  • बकाया मेंटेनेंस की गणना और रिपोर्ट

  • Defaulting Member को Legal Notice भेजना

  • Co-operative Court में Recovery Case दाखिल करना

  • Follow-up और वसूली तक की पूरी प्रक्रिया

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