Formation of New Society

 

  1. Formation of New Society क्या है?
    नई सोसाइटी का गठन तब होता है जब किसी प्लॉट या भवन के मालिक मिलकर एक सहकारी हाउसिंग सोसाइटी बनाते हैं ताकि संपत्ति का प्रबंधन और रख-रखाव बेहतर तरीके से किया जा सके।

  2. नई सोसाइटी गठन के लिए जरूरी कदम:

  • मालिकों का समूह बनाएं: जिस जमीन या इमारत पर सोसाइटी बनानी है, उसके सभी मालिकों का समूह बनाना होगा।

  • प्रारूप तैयार करना: सोसाइटी के नियम, उद्देश्यों और प्रबंधन के लिए नियमावली (Bye-Laws) तैयार करें।

  • पंजीकरण के लिए आवेदन: मुंबई सहकारी सोसाइटी एक्ट, 1960 के तहत जिला सहकारी अधिकारी के पास सोसाइटी पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा।

  • आवश्यक दस्तावेज:

    • प्रस्तावित सोसाइटी के सदस्य सूची

    • जमीन/इमारत के मालिकाना दस्तावेज

    • नियमावली (Bye-Laws)

    • क्षेत्रफल का नक्शा आदि।

  • फीस जमा करें: पंजीकरण के लिए निर्धारित फीस जमा करनी होती है।

  1. पंजीकरण प्रक्रिया:

  • आवेदन जमा होने के बाद, जिला सहकारी अधिकारी द्वारा जांच की जाती है।

  • आवश्यक निरीक्षण या सुधार हेतु सूचनाएं दी जाती हैं।

  • सही पाए जाने पर सोसाइटी का पंजीकरण किया जाता है और पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।

  1. पंजीकरण के फायदे:

  • सोसाइटी कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त हो जाती है।

  • संपत्ति के बेहतर प्रबंधन और रख-रखाव के लिए नियम बनाना संभव होता है।

  • सदस्य अधिकार सुरक्षित होते हैं।

  • बैंक लोन या अन्य फाइनेंसिंग आसान होती है।

  1. महत्वपूर्ण नोट्स:

  • नई सोसाइटी के गठन के लिए सभी मालिकों की सहमति आवश्यक है।

  • नियमावली (Bye-Laws) को महाराष्ट्र सहकारी सोसाइटी अधिनियम के अनुसार बनाना जरूरी है।

  • यदि जमीन सरकारी/म्युनिसिपल है, तो संबंधित विभाग से अनुमति लेना आवश्यक हो सकता है।

No comments:

Post a Comment