Deemed Conveyance (डीम्ड कंवेंस)

Deemed Conveyance क्या होता है?

जब कोई बिल्डर/डेवलपर समय पर सोसायटी को प्रॉपर्टी (भूमि व बिल्डिंग) का अधिकारिक हक यानी “Conveyance Deed” नहीं देता है, तो सोसायटी खुद सरकार से वह हक प्राप्त कर सकती है। इसे ही “Deemed Conveyance” कहा जाता है।

यह महाराष्ट्र सरकार के आदेश अनुसार (MOFA अधिनियम – Maharashtra Ownership Flats Act) किया जा सकता है।

Deemed Conveyance क्यों ज़रूरी है?

  • सोसायटी को जमीन और बिल्डिंग पर मालिकाना हक मिले

  • Redevelopment (पुनर्विकास) के लिए बिल्डर की अनुमति की ज़रूरत न हो

  • प्रॉपर्टी पर किसी अन्य का दावा न रह जाए

  • कानूनी और वित्तीय अधिकार सुरक्षित हों

  • नाम 7/12 extract या प्रॉपर्टी कार्ड में सोसायटी के नाम चढ़ाना

Deemed Conveyance के लिए जरूरी दस्तावेज:

  1. सोसायटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट

  2. Agreement for Sale (सभी फ्लैटों के)

  3. Occupation Certificate / Completion Certificate

  4. Index II / स्टांप ड्यूटी व रजिस्टर्ड डॉक्युमेंट्स

  5. Lay-out Plan व बिल्डिंग प्लान

  6. Land Revenue Records – 7/12, PR Card

  7. Builder को भेजा गया Legal Notice

  8. सहमति व प्रस्ताव की General Body Resolution

  9. Affidavit व Advocate की Report

प्रक्रिया कहां होती है?

  • District Deputy Registrar (DDR) ऑफिस, मुंबई

  • वहां आवेदन, सुनवाई और अंततः आदेश दिया जाता है

  • आदेश के बाद प्रॉपर्टी कार्ड में सोसायटी का नाम दर्ज होता है

DRS Group कैसे मदद करता है?

  • सभी दस्तावेज़ों की तैयारी

  • Advocate द्वारा Legal Notice व रिपोर्ट

  • DDR कार्यालय में आवेदन और सुनवाई

  • Property Card पर सोसायटी का नाम चढ़वाना

  • सम्पूर्ण प्रक्रिया का विशेषज्ञ मार्गदर्शन

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