Bye-Law Disputes (बाय-लॉ विवाद)

Bye-Law Disputes क्या होते हैं?

Co-operative Housing Society के Bye-laws यानी उपनियम वे नियम होते हैं जिनके तहत सोसायटी का संचालन होता है। जब कोई सदस्य, समिति (MC) या ऑफिस बेयरर इन नियमों का उल्लंघन करता है या नियमों को लेकर असहमति होती है, तो उसे Bye-Law Dispute कहा जाता है।

ऐसे विवाद महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव सोसायटी अधिनियम, 1960 और Bye-laws 2014 के अंतर्गत आते हैं।

सामान्य Bye-Law Disputes:

  1. चुनाव/कमिटी गठन में अनियमितता

  2. बिल या मेंटेनेंस वसूली से संबंधित विवाद

  3. फ्लैट ट्रांसफर से संबंधित आपत्ति

  4. AGM/GBM के निर्णयों पर आपत्ति

  5. सदस्यों के अधिकारों का हनन

  6. अवैध खर्च, पारदर्शिता की कमी या RTI से इनकार

  7. किसी सदस्य को Meeting से बाहर करना या Notice न देना

  8. सोसायटी में अनधिकृत निर्माण/उपयोग

ऐसे विवादों में समाधान कैसे होता है?

  • सोसायटी Registrar Office में शिकायत

  • Co-operative Court में केस फाइल करना

  • District Deputy Registrar (DDR) द्वारा सुनवाई

  • Need-based Mediation या सरकार द्वारा नियुक्त Arbitrator के ज़रिए समाधान

जरूरी दस्तावेज़:

  • सोसायटी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट

  • Bye-laws की कॉपी

  • विवाद से संबंधित Minutes of Meeting, Notice, Resolution

  • Correspondence (पत्राचार, Email, शिकायत आदि)

DRS Group कैसे मदद करता है?

  • सोसायटी बाय-लॉ की समीक्षा और कानूनी सलाह

  • नोटिस भेजना और लीगल ड्राफ्टिंग

  • DDR या Co-operative Court में केस फाइल करना

  • AGM/GBM में विवाद समाधान प्रक्रिया की गाइडेंस

  • सदस्य या कमिटी दोनों पक्षों को सेवाएं उपलब्ध

No comments:

Post a Comment